---नेता कभी सच नहीं बोलता---
एक शराब की दुकान का उदघाटन करने पहुंचे नेता जी परंपरागत रूप से अपने स्वभावानुसार अवसर के अनुकूल भाषण दे रहे थे,-----
"नमस्कार साथियों;! यह बहुत खुशी का अवसर है कि, मुझे इस दारू की दुकान के शुभारंभ का सौभाग्य मिला है, आयोजकों को बधाई व धन्यवाद के साथ शराब से होने वाली समाज में प्रचलित भ्रांतियों को दूर करते हुए आज मैं आप लोगों को शराब के विषय मे कुछ महत्वपूर्ण व उपयोगी बातें बताना चाहता हूँ"----
शराब एक शांतिप्रिय शीतल पेय है; इसलिए बड़े शांत चित्त हो, इत्मिनान से इसे पीना चाहिए। यदि इसे जल्दी-जल्दी गटकेंगे तो यह तो क्या कोई भी चीज हानि ही पहुंचाएगी।
जैसे चाय के साथ स्नेक्स लेते हैं वैसे ही इसके साथ भी कुछ खाद्य आयटम जिन्हें चखना भी कहते हैं लेते रहना चाहिए।
मित्रों इस प्रकार यदि आप इसका सेवन करेंगे तो फिर शराब से फायदे ही फायदे हैं , मुझे कुछ और जगह भी उदघाटन करने जाना है, इसलिए मैं संक्षेप में आपको कुछ बातें बताता हूँ,
-- शराब पीने के बाद व्यक्ति संकोच, भय,तथा हीन भावना की संकीर्ण सोच से मुक्त हो जाता है।
-- शराब के सेवन से व्यक्ति सत्य के बहुत ही नज़दीक पहुंच जाता है।
-- पीते- पीते वह भीतर-बाहर से एक सा हो कर कभी-कभी अर्ध समाधि की अवस्था को प्राप्त कर दीन-दुनियां से बेखबर हो आनंद सागर में गोते लगाने लगता है।
शराब लोगों को जोड़ने का काम करती है।
किसी के साथ हमप्याला होने के बाद फिर उसे आप जीवन भर भूल नहीं सकते हो।
परेशान, दुखी, व चोट खाये हुए चिन्ताग्रस्त व्यक्ति को तनाव मुक्त कर जो राहत शराब देती है, वह संसार की कोई भी अन्य वस्तु उसे नहीं दे सकती।
साथियों ! -- आप लोग यह तो जानते ही होंगे कि, मदिरा पर बड़े-बड़े महाकवियों ने कलम चला कर काव्य ग्रंथ लिखे हैं। यदि यह लाभकारी नहीं होती तो कवि, लेखक व हमारे जैसे राजनेता इस पर अपना दिमाग क्यों खोटी करते?
नेताजी और भी कुछ बखान करना चाह रहे थे तभी उनके निजी सचिव ने उनके कान में कुछ कहा।
सचिव की बात सुन, तुरंत पलटी मारते हुए बोले ,---
"अच्छा साथियों, --- एक बात बताओ; क्या आप लोग नेताओं की बातों पर भरोसा करते हो ? फिर स्वयं ही बोले ---नहीं करते हो न भरोसा ?"
"मैं भी यही कह रहा हूँ कि, कभी भी किसी भी नेता की कोई भी बात पर विश्वास नहीं नहीं करना, आज की शराब पर कही हुई मेरी बातों पर भी नहीं।
मैंने भी आज जो बातें आपसे कही है, वे सच नहीं है। शराब आखिर शराब है, इसने अनेकों घर बर्बाद कर दिए हैं। इस मति भ्रामक मदिरा पर मैं भी आपके मनोरंजन के लिए ही ये सब बातें कर रहा था"।
आज मैं आप लोगों को एक राज की बात बात रहा हूँ यह कि, "नेता कभी भी सच नहीं बोलता"
ये कह कर जब नेताजी की नज़र आयोजकों पर पड़ी तो देखा कि, वे सब गुस्से से भरे उन्हें घूर रहे हैं, स्थिति भांप कर नेताजी ने फिर से पलटी मारी,----
तो मित्रों--- जीवन में किसी के कहने -सुनने पर कभी भी अंध भक्तिवश विश्वास नहीं करना ।मेरी एक बात गांठ बांध लो, किसी भी वस्तु की अच्छाई-बुराई जानने के लिए पहले उस चीज को अपने अनुभव में लो, पहले उसे खुद इस्तेमाल करो, तभी तुम उसके बारे में सही-गलत जान सकोगे। क्षेत्र में यह दुकान खुल ही गई है, इससे अब जरूरतमंद जनता को दूर-दूर भटकना नहीं पड़ेगा। मैं चाहता हूँ सब को इसका अधिक से अधिक लाभ मिले।
धन्यवाद, जय हिंद
एक शराब की दुकान का उदघाटन करने पहुंचे नेता जी परंपरागत रूप से अपने स्वभावानुसार अवसर के अनुकूल भाषण दे रहे थे,-----
"नमस्कार साथियों;! यह बहुत खुशी का अवसर है कि, मुझे इस दारू की दुकान के शुभारंभ का सौभाग्य मिला है, आयोजकों को बधाई व धन्यवाद के साथ शराब से होने वाली समाज में प्रचलित भ्रांतियों को दूर करते हुए आज मैं आप लोगों को शराब के विषय मे कुछ महत्वपूर्ण व उपयोगी बातें बताना चाहता हूँ"----
शराब एक शांतिप्रिय शीतल पेय है; इसलिए बड़े शांत चित्त हो, इत्मिनान से इसे पीना चाहिए। यदि इसे जल्दी-जल्दी गटकेंगे तो यह तो क्या कोई भी चीज हानि ही पहुंचाएगी।
जैसे चाय के साथ स्नेक्स लेते हैं वैसे ही इसके साथ भी कुछ खाद्य आयटम जिन्हें चखना भी कहते हैं लेते रहना चाहिए।
मित्रों इस प्रकार यदि आप इसका सेवन करेंगे तो फिर शराब से फायदे ही फायदे हैं , मुझे कुछ और जगह भी उदघाटन करने जाना है, इसलिए मैं संक्षेप में आपको कुछ बातें बताता हूँ,
-- शराब पीने के बाद व्यक्ति संकोच, भय,तथा हीन भावना की संकीर्ण सोच से मुक्त हो जाता है।
-- शराब के सेवन से व्यक्ति सत्य के बहुत ही नज़दीक पहुंच जाता है।
-- पीते- पीते वह भीतर-बाहर से एक सा हो कर कभी-कभी अर्ध समाधि की अवस्था को प्राप्त कर दीन-दुनियां से बेखबर हो आनंद सागर में गोते लगाने लगता है।
शराब लोगों को जोड़ने का काम करती है।
किसी के साथ हमप्याला होने के बाद फिर उसे आप जीवन भर भूल नहीं सकते हो।
परेशान, दुखी, व चोट खाये हुए चिन्ताग्रस्त व्यक्ति को तनाव मुक्त कर जो राहत शराब देती है, वह संसार की कोई भी अन्य वस्तु उसे नहीं दे सकती।
साथियों ! -- आप लोग यह तो जानते ही होंगे कि, मदिरा पर बड़े-बड़े महाकवियों ने कलम चला कर काव्य ग्रंथ लिखे हैं। यदि यह लाभकारी नहीं होती तो कवि, लेखक व हमारे जैसे राजनेता इस पर अपना दिमाग क्यों खोटी करते?
नेताजी और भी कुछ बखान करना चाह रहे थे तभी उनके निजी सचिव ने उनके कान में कुछ कहा।
सचिव की बात सुन, तुरंत पलटी मारते हुए बोले ,---
"अच्छा साथियों, --- एक बात बताओ; क्या आप लोग नेताओं की बातों पर भरोसा करते हो ? फिर स्वयं ही बोले ---नहीं करते हो न भरोसा ?"
"मैं भी यही कह रहा हूँ कि, कभी भी किसी भी नेता की कोई भी बात पर विश्वास नहीं नहीं करना, आज की शराब पर कही हुई मेरी बातों पर भी नहीं।
मैंने भी आज जो बातें आपसे कही है, वे सच नहीं है। शराब आखिर शराब है, इसने अनेकों घर बर्बाद कर दिए हैं। इस मति भ्रामक मदिरा पर मैं भी आपके मनोरंजन के लिए ही ये सब बातें कर रहा था"।
आज मैं आप लोगों को एक राज की बात बात रहा हूँ यह कि, "नेता कभी भी सच नहीं बोलता"
ये कह कर जब नेताजी की नज़र आयोजकों पर पड़ी तो देखा कि, वे सब गुस्से से भरे उन्हें घूर रहे हैं, स्थिति भांप कर नेताजी ने फिर से पलटी मारी,----
तो मित्रों--- जीवन में किसी के कहने -सुनने पर कभी भी अंध भक्तिवश विश्वास नहीं करना ।मेरी एक बात गांठ बांध लो, किसी भी वस्तु की अच्छाई-बुराई जानने के लिए पहले उस चीज को अपने अनुभव में लो, पहले उसे खुद इस्तेमाल करो, तभी तुम उसके बारे में सही-गलत जान सकोगे। क्षेत्र में यह दुकान खुल ही गई है, इससे अब जरूरतमंद जनता को दूर-दूर भटकना नहीं पड़ेगा। मैं चाहता हूँ सब को इसका अधिक से अधिक लाभ मिले।
धन्यवाद, जय हिंद
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