Saturday 21 October 2017

पड़ोसी के बिजली के बिल का सुख

*पड़ोसी के बिजली बिल का सुख*

ऑफिस से घर लौटे पति रामदीन के साथ शाम की चाय पर पत्नी ने सेंटर टेबल पर रखा बिल हाथ मे लेते हुए पूछा-
आपने इस माह का बिजली का ये बिल देखा क्या?
नहीं, - कितना आया है, रामदीन ने उत्सुक हो जानना चाहा।
लीजिए - आप ही देख लीजिए, पत्नी ने बिल थमाते हुए कहा-
आठ हजार....
एकदम से चोंकते हुए , आठ हज्जार!... इसीलिए मैं तुम्हें टोकता रहता हूँ कि, कंटीन्यू ए. सी. मत चलाया करो, पर तुम हो कि....
अब दो -दो ए. सी.घर में है तो इतना बिल तो आएगा ही न,
पत्नी ने बात काटते हुए कहा।
क्या मतलब है तुम्हारा? रामदीन ने झुंझलाते हुए पत्नी की ओर देखा।
बगल वाली सेंगर भाभी के यहाँ भी दो ही ए. सी. है, उनका बिल कितना आया है, पता है आपको ? ग्यारह हजार रुपए....।
फिर से चोंकते हुए ग्यारह हजार....…..सचमुच में ग्यारह हजार ?
ठंडी स्वांस भरते हुए - वैसे इस दृष्टि से तो फिर अपना आठ हजार का बिल ठीक ही आया है। बड़े ही संतुष्ट भाव से रामदीन ने कहा।
वही तो मैं भी कह रही हूँ , पत्नी ने भी पति की बात को सहलाया।
पड़ोसी के बड़े बिल के चलते खुद के कम बड़े बिल की चिंता से मुक्त होते हुए खुशी-खुशी दोनों अब चाय की मीठी चुस्कियां लेने लगे।
सुरेश तन्मय, जबलपुर
9893266014

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