बरखा गीत
उमड़ि घुमड़ि करी आया रे बादल़ा, प्रेम संदेसो लाया रे
मन मs प्रीत का अंकुर फूट्या, गीत मिल़न का गाया रे
हरी ओढ़नी माथा नाखी, धरती नs सब साज करया
हरी भरी जगती सुहावणी, मन भावन नव रूप धरया
चौमासा का घाम घुल़्यो, माटी नs मन महकाया रे...मन.......
ठंडी हवा नs सरगम छेड़ी, डेडरा गायी रहया टरर टरर
किरीर किरीर झींगुर अलापs, वादला गरजs घरर घरर
टीपिर टुपूर बरखा ठुमकs, बिजलई नs ढोल बजाया रे...मन......
कुंआ बावड़ी हुया लबालब, बांध नs तोड़ी मरियादा
नहेर नाचती चली, हाथ मs लई नs राखी का धागा
चली उफणती नदी मिलण, सागर का सपन सजाया रे...मन.......
खेत लहलहई उठ्या, फसल नs झूमि झूमि लहराय
मूंग उड़द मक्को कपास, देखी नs मन हुलसाय
देखि देखि किरसाण का मन मs, आस का कोपल़ आया रे...मन......
नवी नवेली सखी सहेली, रुनझुन रुनझुन खेत चली
हाथ दराती माथा रोटी, प्रियतम का मन लगs भली
सावन झूला संग गौरी नs, मंगल गीत सुनाया रे...मन........
पोरया पारई मिलीs जुली, माटी पाणी को मेल करs
बणs घरोंदा मिटs घरोंदा, हंसी खुसी सब खेल करs
पाणी बाबो आयो साथ मs, काकड़ी भुट्टा आया रे...मन.........
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