Wednesday, 22 September 2010

बयरो बत्तीसा

बयरो बत्तीसा
अथ बयरो पुराण
सिम सिम टिम टिम देवी तुभ्यम नमस्काराय नमोस्तुते
क्ड़ीम क्ड़ीम क्ड़ाम क्ड़ाम कड़क्या मोड़s तब दुश्मन को नास हुसे
ध्ड़ीम ध्ड़ीम ध्ड़ाम ध्ड़ाम बासण फोड़े कुपीत देवी जय भागमते
प्रात सुमरणम पार उतरणम भव भय हरणम बुद्धिमते

दोहा जय बयरो मति मंद मते जय गुस्सा की खान
        तन मन धन अर्पण तुखs थारो करूं बखान
देतs देतs भायरो जी कोई सुमिरs तोय
                  सात जलम का पाप कटs जीवत जीव वैकुंठ होयs

जय बयरो जय जय मतिधीरा
दूर करs सब ताप शरीरा

थारो बड़ो महात्तम भारी
पास पड़ोस मs सबकी प्यारी

कदी मीठी कदी कड़वी वाणी
बोल थारा, फूटs जसी धाणी

थारो दर्शण जी कोई पावs
जलम जलम का दुख बिसरावs

तू सगल़ा घर की महाराणी
सब न कs फेरs घाणी माणी

बैर सी बयरो नाव कवायो
दुनिया नs थारो गुण गायो

लुगई नाव भी छे एक थारो
कदी नी भूलs धणी बिचारो

करs कुटुम की तू रखवालई
यकासी कैज, तुखs घरवालई



तु कदी सुंदर, कदी विकराल़
कदी सुघड़ तू कदी जंजाल

स्याणी कदी, करक्सा छे
सब नs क लेण परीक्षा छे

वाकड़्या कड़ा न कल्ला चंपक
गहीणा पेरी नs निकल़s लकदक

दुलरी बजट्टी तागल़ी माल़ाs
झुमका टाप्स, कान नss ताल़ा

लुगड़ा चोल़ई मs शोभा न्यारी
साड़ी पोलका मs लगs तू प्यारी

छे कई पातलई कई छे जाड़ी
हरेक काम मs सदा अगाड़ी

कहीं लम्बी कहीं ठिगणु रूप छे
जिनगी मs कहीं छांव धूप छे

धरम करम मs सदा अगेड़ी
नेम धरम की पैड़ी चयड़ी

गुस्सो थारी नाक पs साजs
वात वात मs बासण वाजs

सास ससुर देवर देवराणी
थारा अगेड़ी भरs सब पाणी

जेठ जेठाणी कs तू दुत्कारs
मुंडा मार उनकs फटकारs

धणी कs अपणा वश मs राखs
अई वईं देवी कहीं नी झाकs

चौवीस घंटा रय निगराणी
तूनs वकी नबज पईचाणी

पास पड़ोसेण का मन म बसती
गुस्सो कदी, कदी तू हंसती

हड़कई खड़कई लड़कई देवी
मान मनौती की रड़कई देवी

देवर जेठ का लेखरू नी भावs
अपणा बाल़क न मs जीव बिलमावs

अपणी फिकर नी तुखs जरा बी
भलई तबैत मs होय खराबी

माथो दुखs की पांय दुखाड़s
घर की दवा न सी रोग भगाडs

घर मs सबकी फिकर करs तू
नई अपणु दुख जिकर करs तू

सब पs थारी छत्तर छाया
नई जाणs कोई थारी माया

सासू करक्सा चिप्ल्या चढ़ावs
ससरो गाल़ाs नकी चादर औढ़ावs

जेठाणी ताणाs नकी माल़ाs पैराव
जेठजी सोंदारा सी परभाती गावs

गाय गोठाण तुखs छे प्यारी
चौका मs चढ़ती तुखs खुमारी

घाम मs देवी दुखs थारो माथो
हुई जाय जीव तवs थारो खाटो

दाल भात देवी भोग लगावs
प्रेम सी सरड़ सरड़ फड़कावs

खाणा मs तू फरक करs नी
सरम करs तो पेट भरs नी

थारी महिमा तू ही जाणs
भूत भविस कs तूs पईचाणs

बयरोजी हऊं छे बड़भागी
थारा कारण म्हारी किस्मत जागी

तू कदी हुती नीs म्हारी बयरो
म्हारा पs रयतो, केको पयरो

थारी सला सी उठणूं नs बठणूं
इना जलम मs नई होय छूटणूं

कदी गुस्सा मs उठई पिराणी
थारा मुंडा को मिट्यो नी पाणी

मंगल बी तू, छे तू अमंगल
हंसी खुसी, तो कबी छे दंगल

तू सुंदर, कुरूप तू भारी
थारा पs सब जिनगी वारी

सुखदायी, दुखदायी तू छे
जिनगी की परछाई तू छे

सुघड़ कहीं, तो फूहड़ बी तू छे
छे बहार, पतझड़ बी तू छे

आग बी तू छे, तू छे पाणी
मीठी तो कदी कड़वी वाणी

तू छे वामन, तू विराट छे
थारा कारण म्हारा ठाट छे

दूध बी तू छे, दही बी तू छे
खीर पूड़ी तू, मही बी तू छे

तू सूरपणखा, तू ही सीता
तू ही म्हारी भागवत गीता


तू छे अदभूत, तू छे सबकुछ
थारा सी म्हारी ऊंची छे मूंछ

जय देवी जय बयरो भामिनी
जय सुरूप, जय कंचन कामिनी

जय हूं सुमंगल, जय दुखकारी
काल रूप जय जय सुखहारी

इच्छाचारिणी भवभयकारिणी
जीवतs जीव सब जीव तारिणी

ई पुराण थारो जीs गावs
जनम जनम का दुख बिसरावs

रोज नेम सी जीs कोई ध्यावs
जनम जनम का पाप कटावs

दोहा       बयरो देवी को पुराण, जीs तुमखs दयो समझाय
सार वात बणी जावो तुम, वका सामनs गाय
सुभो सांझ सुमिरण करs, बयरो कs सिरनाय
कहे तन्मय ऊं जीव को, जनम सुफल हुई जायs
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    अथ बयरो मंत्र         ओम बयरोभ्याम नम:
अस्य मंत्रस्य उच्चारेण, वैतरणी तरेण, भवसागर पार करेण
माफ हुई जाय सबका लेण देण, भाई बेण माता पिता
सबई कुटुम कबीला का पार हुई जावगा
न बयरो की वजह सी जीवतs जीव मोक्ष क पाओगा
इति बयरो पुराण..................
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