Wednesday, 22 September 2010

चलो चलां काम करां रे

चलो चलां काम करां रे
चलो चलां काम करां रे
मेहनत को मान करां रे
अमुवा का बोर नs की पीढ़ी मs
हम नवी मिठास भरां रे
देस को कई नाम करां रे....चलो चलां.......

सरसो सेवंती मुरझावणs नी पावs
माटी मs खेत की दरार नs नी आवs
नेती का पाल़ा बांधां चारई कोना तो
प्रीत की फुहार गीत प्रेम का सुणावs
अलसी की अलसाई आंख नs मण
हम ज्योति दीप धरां रे....चलो चलां........

डुबां नी हम महुवा की मादक गंध मs
फागुणी पलास सा चमकां अपणा रंग मs
हरा हरा धणा न सई महकावां हम सदा
अलग अलग रस्ता पण चलां एक ढंग मs
रस कयेंक फूल नs को एक करां
हर मन मs सहद भरां रे....चलो चलां.....

ममता की नहर नss हम अरू बढ़ावां
हरियाल़ा छावल़ा का झाड़ हम लगावां
भेदभाव की हम काटां खरपतवार कs
मेहनत सी देस कs खुसहाल़ हम बणावां
भुक्या तिस्या लोग नs सी गल़s मिल़ा
उनको हम दुक्ख हरां रे....चलो चला काम करां रे........

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