केसरियो रंग
भारत की लाड़ भरी धरती मs
प्रेम का पलास हम लगावां रे
फागुण की प्रीत भरी मस्ती मs
केसरिया खुद हम ह्वुई जावां रे
पयलो रंग केसरियो गांव नs पs नाखां
झोपड़ी नमण जाई नs, भीत्तर हम झाकां
बोला दुई बोल मीठा, दाजी नs माय सी तो
आसीस उनका खोल़ा भर सवाद चाखां
झोल़ई का बाल़क कs पुचकारां
दुध की कटोरी भरी आवां रे...केसरिया..........
दुजो रंग सबई धरम नs मs हम मिलावां
सेवा नs प्यार सी हम एकता बढ़ावां
निर्धन धनवान या की अनपढ़ विद्वान होय
मानव को धरम एक, वात ई बतावां
बाह्यर भीत्तर सी हम एक बणां
खुसी नs का फूल सब खिलावां रे...केसरिया........
तीजो रंग केसरियो सीमा पर चमकs
सैनिक का सीना मs देस प्रेम हुमकs
जहरीला सांप नs कs मुंडा वूं मरोड़s तो
जीत की हंसी उनकी बिजुरी सी चमकs
देस की रखवाल़ई मs छे लगेल
इनकs नी हम कदी भुलावां रे
केसरिया खुद हम ह्वुई जावं रे......
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