Wednesday, 22 September 2010

रड़S रड़S रे सजण

       रड़S रड़S रे सजण
रड़S रड़S रे सजन थारी याद मS नयन रड़S रड़S रे

लिमड़ा पS काल़ो कागो कांव कांव गग्गाए
मन को मीत छे दूर नS कोयल असी कसी कुक्काय
बड़Sबड़S रे........रड़S रड़S रे सजन......

सरदी की कड़कड़ती ठंडी हवा कलेजो खाय
मन की कुढ़ण मुंडा तक आवो जीभ मगर सरमाय
नढ़S नढ़S रे......रड़S रड़S रे सजन......

ठंडो लगS घाम सूरज को चांद खोब गरमाय
मन अकास मS तारा कदी बल़SS कदी उल्हाय
पड़S पड़S रे....रड़S रड़S रे सजन

करणS लग्यो चूल्हो चुगली नS बोल मारS अलमारी
मंगरा का कवलू गाल़ा दे ढेल़ की चौकीदारी
गड़S गड़S रे....रड़S रड़S रे सजन......

खाली पन्ना ई किताब का मन की कथा सुणावS
प्रेम शब्द का ढाई आखर प्रिय आई नS कवS बढ़ावS
बढ़S बढ़S रे.....रड़S रड़S रे सजन...........
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