सुंदर सुंदर सांवल़ो सलोणु म्हारो देस
सुंदर सुंदर सांवल़ो सलोणु म्हारो देस
म्हारो देस छे
रंग रंगीली धरती रंग रंगीलो सगल़ो देस
म्हारो देस छे
कलकल करती नदियां गीत सुणावs रे
चलता रहो पथिक ई वात बतावs रे
विंद्याचल सतपुड़ो पहाड़ अरावल़ी
रहो अटल सिद्धांत न पs समझाव रे
सत्य अहिंसा जीव प्रेम को भारत को संदेस
ई संदेस छे......सुंदर सुंदर........
इना देस को छे इतिहार सुनेहरो रे
देस प्रेम को मन मs धरम छे गहेरो रे
भामासाही त्याग राम की धरती पर
धवल़ई हिमगिरी नs को यहा छे पहरो रे
भांति भांति का धरम फिरी बी छे सब का सब एक
ई सब एक छे....सुंदर सुंदर........
गुढ़ मरम की वात यहां पईचाणी रे
सस्त्र हाथ मs कदी सास्त्र गुरूवाणी रे
गांधी नेहरू नरम भगत आजाद गरम
सबको मन निरमल गंगा को पाणी रे
मनुज धरम छे करम कृष्ण की गीता को उपदेस
ई उपदेस छे....सुंदर सुंदर.............
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